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थायराइड विकार और थेरेपी जर्नल

ISSN - 2167-7948

अतिगलग्रंथिता

थायरॉइड ग्रंथि थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) का उत्पादन करती है जो शरीर के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि थायरॉइड ग्रंथि बहुत अधिक T4 और T3 का उत्पादन करती है, तो यह हाइपरथायरायडिज्म का कारण बनता है। हाइपरथायरायडिज्म एक अंतःस्रावी विकार है, जो थायरॉयड ग्रंथि के अतिसक्रिय होने के कारण थायराइड हार्मोन के अत्यधिक उत्पादन का कारण बनता है। लक्षणों में तेज़ दिल की धड़कन, वजन कम होना, अत्यधिक पसीना आना, चिंता और घबराहट शामिल हैं।

हाइपरथायरायडिज्म से संबंधित पत्रिकाएँ

जर्नल ऑफ थायराइड डिसऑर्डर एंड थेरेपी, फ्रंटियर्स ऑफ हार्मोन रिसर्च, क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी, थायराइड, विटामिन और हार्मोन, एंडोक्राइन डेवलपमेंट, एंडोक्राइन पैथोलॉजी, जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी