विजयालक्ष्मी राधाकृष्ण*, थिरुनावुकारसु
वर्ष 2000 से 2050 के बीच दुनिया की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है। अनुमान है कि दुनिया में वृद्धों की संख्या लगभग 11% से बढ़कर 22% हो जाएगी। निरपेक्ष रूप से, यह 60 वर्ष से अधिक आयु के 605 मिलियन से 2 बिलियन लोगों तक की अपेक्षित वृद्धि है। वृद्ध लोगों को विशेष शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिन्हें पहचाने जाने की आवश्यकता है। (WHO -तथ्य पत्रक - मानसिक स्वास्थ्य और वृद्ध वयस्कों पर सितंबर 2013)। वृद्ध आबादी में अवसाद मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मस्तिष्कवाहिकीय दुर्घटनाओं जैसी मौजूदा रुग्णता स्थितियों को और जटिल बना देता है। यह जीवन की गुणवत्ता, कार्यात्मक क्षमता को कम करता है, मृत्यु दर को बढ़ाता है और स्वास्थ्य देखभाल उपयोग को कम करता है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का वृद्ध व्यक्तियों के बीच स्वास्थ्य चाहने के व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।